गाँव में समाधान बैठक होने वाली थी और उसमें मंत्रीजी का आना तय था। सरपंच गाँव में माहौल बनाने के लिए लोगों को पहले से समझाने में लगा था कि मंत्री जी के सामने कोई भी आदमी किसी बात की शिकायत नहीं करेगा बल्कि मैं जो बता रहा हूँ वैसे ही उत्तर हर आदमी को देना होगा।
-- यहाँ सब सुविधाएँ मिल रहीं है
--गाँव में बिजली आती है।
-- स्कूल में पढाई बराबर होती है।
-- मिड डे मील बढ़िया मिलता है
-- राशन का सामान मिलता है।
घर जाके पुरुष वर्ग अपनी पत्नियों को ये बातें समझा रहे थे और उनके बच्चे सुन रहे थे। छुटकी बोली - बापू तुम झूठ बुलिहो और हमसे कहत हो कि झूठ बोलव पाप होत है। '
' चुप कर ये बड़ों की बातें तुम्हरे समझ न अइहें। ' बापू ने धमका दिया।
छुटकी चुपचाप कोने जाकर बैठ गई और बापू की कही बातें दुहराने लगी।
-- सुविधाएं - नाहीं
-- बिजली - कभउँ कभउँ
--पढाई - बहनजी बोर्ड पर लिख देती है और फिर दस बार कॉपी में उतारो और वे सूटर बुनें बैठ जातीं.
--मिड डे मील - कच्चा पक्का , पानी की दाल , कंकड़ के चावल
-- ये राशन का होत है नाहीं पता।
एक फ़टफ़टिया वाले बाबू आत है और हम सबन के नाम लिख ले जात है बस।
मंत्री जी आये और सारे गाँव वाले पंचायत घर में इकट्ठे हो गए। छुटकी थोड़ी देर बाद खिड़की से खुद कर सबके पीछे आकर खड़ी हो गयी। मंत्री जी ने फाइलें देखीं और दो चार लोगों से पूछा तो सबकी एक ही इबारत। उनकी नजर छुटकी पर पड़ी तो इशारे से उसको बुलाया। वह मटकती हुई पहुँच गयी। मंत्री जी ने वही सवाल छुटकी से पूछे और छुटकी जो दुहरा रही थी वही सब बोल दी।
सरपंच की झूठ की लंका छुटकी ने एक मिनट में ढहा दी।
-- यहाँ सब सुविधाएँ मिल रहीं है
--गाँव में बिजली आती है।
-- स्कूल में पढाई बराबर होती है।
-- मिड डे मील बढ़िया मिलता है
-- राशन का सामान मिलता है।
घर जाके पुरुष वर्ग अपनी पत्नियों को ये बातें समझा रहे थे और उनके बच्चे सुन रहे थे। छुटकी बोली - बापू तुम झूठ बुलिहो और हमसे कहत हो कि झूठ बोलव पाप होत है। '
' चुप कर ये बड़ों की बातें तुम्हरे समझ न अइहें। ' बापू ने धमका दिया।
छुटकी चुपचाप कोने जाकर बैठ गई और बापू की कही बातें दुहराने लगी।
-- सुविधाएं - नाहीं
-- बिजली - कभउँ कभउँ
--पढाई - बहनजी बोर्ड पर लिख देती है और फिर दस बार कॉपी में उतारो और वे सूटर बुनें बैठ जातीं.
--मिड डे मील - कच्चा पक्का , पानी की दाल , कंकड़ के चावल
-- ये राशन का होत है नाहीं पता।
एक फ़टफ़टिया वाले बाबू आत है और हम सबन के नाम लिख ले जात है बस।
मंत्री जी आये और सारे गाँव वाले पंचायत घर में इकट्ठे हो गए। छुटकी थोड़ी देर बाद खिड़की से खुद कर सबके पीछे आकर खड़ी हो गयी। मंत्री जी ने फाइलें देखीं और दो चार लोगों से पूछा तो सबकी एक ही इबारत। उनकी नजर छुटकी पर पड़ी तो इशारे से उसको बुलाया। वह मटकती हुई पहुँच गयी। मंत्री जी ने वही सवाल छुटकी से पूछे और छुटकी जो दुहरा रही थी वही सब बोल दी।
सरपंच की झूठ की लंका छुटकी ने एक मिनट में ढहा दी।